हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शनिवार, 9 मई 2020

~ हाइकुकार पद्ममुख पंडा जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

पद्ममुख पंडा

हाइकु
-0-

1.
प्रचण्ड ग्रीष्म
मानव जीवन को
देता है कष्ट ।

2.
मजदूर को
मिलती है मजूरी
गर्मी खाकर ।

3.
कटते वन
जगती भर अब
बढ़ा आतप ।

4.
विवश सब
दिहाड़ी मजदूर
पेट की ज्वाला ।

5.
कोरोना रोग
जो है संक्रामक
तन दाहक ।
--0--

□  पद्म मुख पंडा

शुक्रवार, 1 मई 2020

श्रमिकों पर हाइकुकार राकेश गुप्ता जी के हाइकु

हाइकुकार 

राकेश गुप्ता 

हाइकु 

ये मेहनतकश


लौह  धमक
खुद्दार स्वेद कण
फौलादी मन ।

चमक स्वर्ण
सीने पे सलवटें
निरोग  तन ।

मेहनतकश
मांसपेशियाँ तप्त
ढीठ खनक ।

ज्योत  निराले
शान्त सुप्त जंगल
बहते नाले ।

खुशियाँ पीते
खुद के जख्म सीते
चैन से जीते ।
--0--

□  राकेश गुप्ता

~ श्रम दिवस के उपलक्ष्य श्रमिक पर हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

पूर्णिमा साह


हाइकु 
--0--

1.
कोरोना काल
मजदूर बेहाल
रोटी सवाल ।

2.
श्रम का दान
श्वेद नहाया तन
कर्म महान ।

3.
श्रमिक दर्द
गाँव को पलायन 
ढूँढता कर्म ।

4.
सड़क घर
अभिशाप गरीबी
श्रमिक दर्द ।

5.
श्रम निराश
कोरोना का संत्रास
क्षुब्ध है आस ।

6.
उद्योग बंद
मजदूरी पाबंद
अंतस द्वंद ।
---00---

□  पूर्णिमा साह
पश्चिम बंगाल 

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