🎋 हाइकु मंच छत्तीसगढ़ 🎋
समसामयिक हाइकु संचयनिका
सितम्बर 2019 के श्रेष्ठ हाइकु
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मृदुल गीत
पक्षी का कलरव
गाये प्रभात ।
□ सुलोचना सिंह
भोर सुहानी
पक्षी हमें सुनाते
मधुर गीत ।
□ क्रान्ति
गुरुता गूढ़
अज्ञान का अँधेरा
पल में दूर ।
□ प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
झरता पानी
मचलता है मन
रुकते कहाँ ?
□ सुजाता मिश्रा
फटी किताब
बीते लम्हें समेट
खोलती राज ।
□ क्रान्ति
फिजूल बात
करते आडंबर
मौत के बाद ।
□ मंजू सरावगी" मंजरी"
प्रभु से प्रीत
सच्चे सुख का बोध
चित्त हर्षित ।
□ स्वाति"नीरव"
आँखें हैं गीली
प्रीत की गहराई
छलक उठी ।
□ मधु गुप्ता "महक"
ऊँची मीनार
तूफान का प्रभाव
धूमिल छवि ।
□ मंजू सरावगी "मंजरी"
भूली बिसरी
यादों में सिमटी सी
गूँगी ज़िन्दगी ।
□ जाविद हिदायत अली
निखरे वही
जो बिखरा होता है
तजुर्बा यही ।
□ ए.ए.लूका
रजनी गंधा
बिखेरती फिजायें
महकी सांसें ।
सूर्य किरण
खेले जल थल में
स्वर्णिम भोर ।
□ मंजू सरावगी "मंजरी"
निरंकुशता
आज के समय में
दुःखी जनता ।
□ पद्म मुख पंडा "स्वार्थी"
भोर निराली
प्रकृति मतवाली
हर्ष में डोली ।
□ पूर्णिमा सरोज
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प्रस्तुति :
प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
संचालक : हाइकु मंच छत्तीसगढ़