हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

रविवार, 20 सितंबर 2020

~ हाइकुकार स्व. राधेश्याम जी के हाइकु ~

 हाइकुकार



स्व. राधेश्याम जी 

(जन्म - 14 जनवरी 1922)
(देहावसान - 18 अप्रैल 2015)


स्व. राधेश्याम जी के हाइकु 


हाइकु 
--0--
धरा का ताप
देख न सके मेघ
रोना आ गया ।
--0--


खोल नयन
जो देखा दरपन
चुभते मन ।
--0--


बन्धन खुले 
केश हवा में हिले
मन मचले ।
--0--


वन उदास 
बुढ़ापा आसपास 
फूला रे कास ।
--0--


रात अकेली
गिनती रही तारे
पिया न आये ।
--0--


हर अदाएँ 
नज़ाकत की रस्में 
गाती है नग्मे ।
--0--


तेरे सपने 
बने मेरे अपने
प्रेम के संग ।
--00--

□ राधेश्याम (स्व.)
184/2, शील कुंज, आई.आई.टी. कैम्पस, 
रुडकी-247667, जिला - हरिद्वार (उ.खण्ड)


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