"नवचेतना" -- हाइकु कवयित्री आभा दवे जी द्वारा रचित एक प्यारा सा हाइकु संग्रह
नवचेतना (हिंदी हाइकु संग्रह)
रचनाकार : आभा दवे
प्रथम संस्करण (पैपरबेक) : 2023
पृष्ठ- 107 मूल्य - 195/--
ISBN : 978-93-92915-24-6
'हाइकु' तीन पंक्ति की एक संपूर्ण कविता है, 05-07-05 वर्ण क्रम की तीन पंक्ति में एक संपूर्ण काव्य संस्कार । हाइकु कवयित्री आ. आभा दवे जी द्वारा रचित सुंदर आवरण युक्त 107 पृष्ठीय प्रथम हाइकु संग्रह की पुस्तक 'नवचेतना' प्रकाशन वर्ष 2023 आज की डाक से हस्तगत हुई है । प्रकृति से प्रारंभ होते हुए 62 विभिन्न विषयों पर बहुत अच्छे-अच्छे हाइकु बिंब इस संग्रह में संग्रहित हुए हैं । कुछ हाइकु देखें-
नवप्रभात/चहकते परिंदे/झूमते पात । (प्रकृति शीर्षक हाइकु)
ओस की बूँदें/प्रभात में चमके/मोती दमके । (प्रभात कालीन बिंब)
हरी धरती/मनमोहन रूप/मन हरती ।
टूटी झोपड़ी/थाली में आ के गिरी/चाँद की रोटी । (भूख व गरीबी का एक मार्मिक चित्र)
नदी किनारे/बैठी है शाम सजी/सूर्य निहारे ।
शाम उतरी/आसमान के नीचे/निशा मुस्काई । (सांध्यकाल का सुंदर मानवीकरण)
न्यारा सृजन/सम्पूर्ण सृष्टि रूप/प्रभु के हाथ । (आध्यात्मिक बिंब)
वो कामगार/सिर पर आकाश/बेपरवाह । (श्रम के महत्व पर सुन्दर शब्द चित्र)
एक सितारा/जग का रखवाला/प्रभु हमारा ।
मौन पत्थर/गढ़ दिया गया है/प्रभु मूरत । (आस्था पर आधारित)
पत्थर दिल/बन रहे इंसान/डोला ईमान । (संवेदनहीनता पर प्रहार करता समसामयिक हाइकु)
ढूँढती आँखें/चाँद को गगन में/पिया मन में । (प्रिय के प्रति पतिव्रता नारी का निश्छल प्रेम)
छवि सँवारे/नदी बनी दर्पण/यौवना हँसी ।
राधा का प्यार/दूर रह कर भी/कृष्ण हैं साथ ।
वामन पग/रखा अपना पग/नापी धरती ।
आगे बढ़ते/छूट जाता मंजर/जिंदगी यही ।
तूफान उठा/अंतर झकझोरा/मन को खोला । (जीवन यथार्थ पर सुन्दर शब्द चित्र)
संग्रह के अंत में एक सुंदर सी हाइबुन रचना एवं दो हाइकु मुक्तक संग्रहित हैं । हाइकु साहित्य संसार में एक सुंदर, प्यारा सा एवं प्रभावी हाइकु संग्रह 'नवचेतना' के प्रवेश से मन प्रसन्न हो गया । संग्रह के प्रकाशन अवसर पर संग्रह की विदूषी कवयित्री आभा दवे जी को अनेकानेक शुभकामनाएं व हार्दिक बधाइयाँ ।
दिनांक - 03 दिसम्बर 2023
~ प्रदीप कुमार दाश 'दीपक'
संपादक : हाइकु मञ्जूषा
दूरभाष : 7828104111