डाॅ. मिथिलेश दीक्षित
बाल दिवस आधारित
बाल हाइकु
तुम मेरी माँ
तुमसे बढ़कर
स्वर्ग है कहाँ !
क्यों जी तितली
तेरी रंगीन फ्राक
किसने सिली ?
सूरज राजा
नानी को ठंड लगे
जल्दी से आजा !
बन्दर मामा
चले पहनकर
शर्ट- पजामा ।
माँ की डायरी
काटा- कू टी कर दूँ
जल्दी भर दूँ ।
चीता गुर्रा ये
जंगल में भी रेल
चलायी जाये !
माँ पुकारती
आओ बच्चो करने
सन्ध्या आरती !
सपना आया
बिटिया ने नभ में
प्लेन उड़ाया ।
~ डॉ. मिथिलेश दीक्षित