हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

रविवार, 15 अक्टूबर 2017

हाइकु सप्तक (हाइकु ग्रंथ)

हाइकु सप्तक 

हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ सात हाइकुकार 

सम्पादक - प्रदीप कुमार दाश "दीपक"

प्रकाशन वर्ष - फरवरी 2006

 

                  हाइकु सप्तक : संपादक - प्रदीप कुमार दाश "दीपक"

[ हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ हाइकुकारों का परिचय, हाइकु एवं उनके हाइकु संबंधी विचार ]
प्रकाशक : माण्डवी प्रकाशन, गाजियावाद [ उ. प्र. ]
प्रकाशन वर्ष : फरवरी - 2006 मूल्य : 100/-----
समीक्षक : ----- प्रो. आदित्य प्रताप सिंह
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सहज पके सो मीठा । यह सहजता ही कठिन है । सार्थक ध्वन्यात्मकता ही हाइकु की जान है । यह सहज - कला आते आते आती है ।

हाइकु वाटिका के बाद हाइकु सप्तक का भी प्रकाशन श्री प्रदीप कुमार दाश 'दीपक' के अचुक साहस का निर्देशन है । यहाँ सात हाइकुकार रचनाओं , विचारों के साथ हाजिर और नाजिर हैं । उनकी आलोचना करना मेरा उद्देश्य नहीं है ।

ढेर सारे संकलनों के बीच यह हाइकु का नवतर तारसप्तक है । रहेगा । संकलन में 24×7=168 सागरी बूँदों से समर है यह सप्तक । समर पुत्रों को मेरा प्रणाम है ।

त्रिपथगा ( गंगा ) की ये बूँदें प्रदीप कुमार दाश 'दीपक' की साधना को सूचित करती है । वे सदा हाइकु जगत के नव भागीरथ के रूप में स्मरण किए जाते रहेंगे । सदा...

इधर हाइकु जगत में एक शोरीदा सन्नाटा छा गया था । प्रो. सत्यभूषण चले गए । हाइकु भूषण खो गया । हाइकु के नामी पक्षधर भगवतशरण कंपवात से ग्रस्त हो गए । मैं 76-77 का हो गया । रात बचूँगा तो सुबह देखूँगा । जन्म क्रमानुसार यहाँ हाइकु साधकों का चयन और यह संकलन सन्नाटों को तोड़ता है । कहा है -----

खामोशी बज्म का दस्तूर हुई जाती है ।

बोलो तो कुछ हंगामा हो ।।

यह कोलाहलों का नहीं । रचनात्मक साहसों का हंगामा है । मौन भी, मुखर भी । दोनों को समोता है हाइकु । 'दीपक' जी ऐसे दीपक हैं जिसके तले अँधेरा नहीं । प्रकाश है / हाइकु का प्रकाश ।

हाइकु सूरज के बीज हैं । हों । होते - रहें - नित नए ( हाइकु हायकू ) रिचाएँ ( ऋचाएँ )

इति आदि शुभम् ।

-- प्रो .आदित्य प्रताप सिंह

चिरहुला, रीवा (म.प्र.) Pin - 486001

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                हाइकु सप्तक ; संपादक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक"

                  (हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ सात हाइकुकारों के हाइकु, परिचय एवं उनके विचार)

              प्रकाशक : माण्डवी प्रकाशन गाजियावाद                lSBN-81-8212-089-6

              प्रथम संस्करण : फरवरी 2006                             पुस्तक मूल्य : 100/-------

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हाइकु - विधा को पूर्णतः समर्पित कृतिकारों में तेजी से उभर रहा नवीनतम नाम श्री प्रदीप कुमार दाश "दीपक" का है । "हाइकु वाटिका" में पौने चार सौ हाइकुकारों को सफलतापूर्वक सजाकर यशभागी होने के बाद वे "हाइकु सप्तक" ले कर आये हैं । इसमें हिन्दी के सात ख्यातिलब्ध हाइकुकारों को उनके चौबीस-चौबीस हाइकुओं के साथ प्रस्तुत किया गया है । इन हाइकुकारों की श्रेष्ठता विवाद से परे है और कोई भी हाइकु संग्रह या हाइकु ग्रंथ इनके योगदान एवं उल्लेख के बिना पूर्ण नहीं हो सकता । क्रम का आधार वय को बना कर संपादक ने अपनी रक्षा भी की है ; अन्यथा इन सर्वश्रेष्ठों में श्रेठतम कौन ? का धर्म संकट भी उत्पन्न होता । हिन्दी हाइकु के पितामह प्रोफेसर सत्यभूषण वर्मा को समर्पित इस ग्रंथ को सर्वांग सम्पन्न बनाने के लिए तीन खण्डों में विभक्त किया गया है । परिचय खण्ड, सृजन खण्ड एवं विचार खण्ड नामक ये तीनों खण्ड पुरोधाओं के व्यक्तित्व, कृतित्व एवं विचार संपदा से समृद्ध हैं ।
       अब समय आ गया है कि हिन्दी हाइकु का देश - काल वातावरण परक वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन हो, उसे एक अजूबा न मान कर एक विधा, एक छंद या शैली मान कर चला जाय । अपने ही योगदान अथवा उद्धरणों की चर्चा पाठक को विरक्त कर सकती है । दूसरों को जाने बिना कोई स्वयं का विश्लेषण भी नहीं कर सकता, मूल्यांकन दूर रहा । "दीपक" जी इसके अपवाद हैं । वे चाहते तो सरलता से इन्हीं सप्त पुरोधाओं में सम्मिलित हो कर यशः प्रार्थी बन जाते पर बड़े तटस्थ भाव से उन्होंने स्वयं को नेपथ्य में रख कर हाइकु की सेवा को ही प्राथमिकता दी है, जो अत्यंत श्लाघ्य है । "हाइकु वाटिका" भी उनकी वस्तुनिष्ठ दृष्टि का उत्तम उदाहरण है, जो उनके सौंदर्य बोध की अच्छी संभावनायें प्रस्तुत करता है । प्रस्तुत कृति के अंत में दी गई देश व्यापी सम्मतियाँ उनके श्रम को सार्थक करती हैं और उन्हें समर्थ साधक सिद्ध करती हैं । मैं पूरी तरह आश्वस्त हूँ कि यह ग्रंथ भी उनके यश की श्रीवृद्धि करेगा और उनकी भावी योजनाओं को सफलता के सर्वोच्च शिखरों तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगा । मुझे इसका भी विश्वास है कि सुधी रचनाकार सदा इन श्रेष्ठों से प्रेरणा प्राप्त करेंगे और मात्रा से अधिक गुणवत्ता को प्रश्रय देंगे ।
      
                                          □ श्रीकृष्ण कुमार त्रिवेदी
                                     द्वीपान्तर, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग
                                         फतेहपुर (उ.प्र.) 212601

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