हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)
卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐
रविवार, 15 अक्टूबर 2017
俳句 : हाइकु - प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
आरती थाल
रे ! लौ संताप
जलता दिया
दीये जलाती
दीप से मिला
दीप जो जला
साहसी दीप
दीपक जला
बत्ती जलती
दीप जलता
दीप निर्मम
छोटा दीपक
दीपक जला
अंधेरी रात
राह दिखाता
दीया तो नहीं
राह दिखाता
दीप से दीप
ज्योत से ज्योत
दीप निर्मम
दीया व बाती
प्रीत पुरानी
निशा घनेरी
दीप सम्मुख
शब्दों के दीप
जलता रहा
कहता दीप
मोम न बनो
जल दीपक
बूढ़ा दीपक
पर्व मनाएँ
दीप जलाएँ
दीये तो नहीं
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
MOST POPULAR POST IN MONTH
-
प्रसिद्ध जापानी हाइकुकार बाशो जी का प्रसिद्ध हाइकु : [ जापानी, हिन्दी, छत्तीसगढ़ी, ओड़िया, कोशली, अंग्रेजी, राजस्थानी, गोडवाड़ी, मा...
-
झाँकता चाँद साझा हाइकु संग्रह सम्पादक - प्रदीप कुमार दाश "दीपक" प्रकाशन वर्ष - 2017 ...
-
हाइकु कवयित्री अनिता गोयल जी के हाइकु अनिता गोयल हाइकु शुभ प्रभात भोर लाई सौगात बढ़ते रहो । भीषण गर्मी ठंडी हवा का झोंका आनंद आया । का...
-
कस्तूरी की तलाश विश्व का प्रथम रेंगा संग्रह संपादक - प्रदीप कुमार दाश "दीपक" प्रकाशन वर्ष - 2017 समीक...
-
हाइकुकार प्रो. आदित्य प्रताप सिंह हाइकु यह वजूद पकड़ते रहिये पारे की बूँद । ●●● हँसता जन्मा रोता सानंद जिया ...
-
प्रकृति की गोद में हाइकु संग्रह - प्रदीप कुमार दाश "दीपक" प्रकाशन वर्ष - 2017 समीक्षा–प्...
-
हाइकु कवयित्री रति चौबे हाइकु --0-- मिट्टी का दिया अंधेरी बस्तियों में जीवित रहा । चाँद सरीखी घटती जा रही हूँ हिस्सों में बँटी । बिका ईम...
-
हाइकु श्रद्धांजलि बूँद में समा सागर और सूर्य हवा ले उड़ी । मर जाऊँगा यकीन नहीं होता फिर क्या होगा ? सत्य ने छला झूठ ने छ...
-
"नवचेतना" -- हाइकु कवयित्री आभा दवे जी द्वारा रचित एक प्यारा सा हाइकु संग्रह नवचेतना (हिंदी हाइकु संग्रह) रचनाकार : आभा दवे प्रथम ...
-
ହାଇକୁ ସାଧନା ଖୋର୍ଦ୍ଧା ସାରସ୍ଵତ ହାଇକୁ କାବ୍ୟ ଯାତ୍ରା ~୧୨ ~ କଲମ ହାଇକୁ ୧) କଲମ ଗାର ସବୁକିଛି କହିବ ହେଲି ନୀରବ । ୨) ମୁଁ ନିତି ହଜେ ବ୍ୟଥା କରେ ଲାଘବ କଲମ ଚାଲ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें