हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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सोमवार, 5 अगस्त 2019

हाइकु कवयित्री सुजाता दाश जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री

सुजाता दाश

हाइकु


[१]
आँखों मैं कौन
माँ की ममता है ये
सदा झलके ।

[२]
मेरा जन्नत
जहाँ होती खुशियाँ
मैया की गोद ।

[३]
अँधेरी रात
प्रज्वलित है दिया
रौनक लिए ।

[४]
हार न मान
मुश्किलों से लड़ना
मत छोड़ना ।

[५]
फूटा अंकुर
जगी आस मन मैं
सुखी संसार ।

[६]
बादल छाए 
सतरंगी धनुष 
खुशियाँ लाए ।

[७]
सावन आया
पुलकित हो उठा
सारा जगत ।

□   सुजाता दाश
लारा, जिला - रायगढ़
(छत्तीसगढ़)

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