हाइकुकार
विनय मोहन्ता
हाइकु
कोई हो मित्र
करें जिससे बात
कटे जो रात ।
करें जिससे बात
कटे जो रात ।
कटे वो रात
भयावह तिमिर
आस हो मित्र ।
मित्र है आस
लिए दीप विश्वास
सुझाए राह ।
मैत्री निभाता
अपना सा लगता
वो हमदर्द ।
जीवन पथ
मित्र जो हो साथ तो
हो आलोकित ।
काश सिद्धार्थ
होता तुम्हारे पास
कोई तो मित्र ।
पावन रंग
निस्वार्थ भाव संग
मात्र मित्रता ।
जीवन भर
स्पंदन संवेदित
मात्र मित्रता ।
सांस सांस में
मधुर मदिर है
मात्र मित्रता ।
दुर्लभ धन
अनमोल रत्न है
मात्र मित्रता ।

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