हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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गुरुवार, 29 अगस्त 2019

~ हाइकु कवयित्री आरती बंसल जी के हाइकु ~


हाइकु कवयित्री 

आरती बंसल


हाइकु 

१.
शाख पे पाती
झूल रही अकेली
जीवन आस ।

२.
कोहरा छंटा
खिल गई प्रकृति
चटकीली सी ।

३.
पेड़ की शाखा
लद गई फूलों से
हँसी प्रकृति ।

४.
अटकी बूँदें
दिखें हीरक सम
पत्तों के कोने ।

५.
शाम सुहानी
छत पर डोलती
माँग सिंदूरी ।
~ • ~

□  आरती बंसल

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