हाइकु कवयित्री
सविता बरई "वीणा"
हाइकु
झंडा फहरा
कपोत उड़ रहे
नीलगगन ।
जलाभिषेक
द्वादश ज्योतिर्लिंग
भारत एक ।
वृक्षारोपण
गांव में घूम रहे
गज के दल ।
सागर तट
चुनरी मे झूलते
सीप के मोती ।
प्रेम बंधन
विटप से लिपटी
मधुमालती ।
बसंत ऋतु
दहकते अंगारे
पलाश पुष्प ।
टहनी टूटी
बिखर गया नीड़
तिनका उड़ा ।

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