हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

रविवार, 1 सितंबर 2019

~ हाइकु कवयित्री सुलोचना सिंह जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

सुलोचना सिंह 

हाइकु 



1.

प्राची की डोली 
दिनकर उदित 
छिड़ा संगीत ।



2.

मृदुल गीत 
पक्षी का कलरव 
गाये प्रभात ।



3.

हँसे प्रभास 
आदित्य अगुवाई 
निशा विदाई ।



4.

निशा रूपसी 
सुधाकर मोहित 
सितारों सजी ।



5.

छलकी आंखें 
ह्रदय की गागर 
भाव सागर ।



6.

निशा प्रांगण 
चंद्र पुष्प है खिला 
नाची चाँदनी ।



7.

भटका मन 
इन्द्रधनुषी स्वप्न 
प्रेम गबन ।



8.

निशी दर्पण 
देखे और तड़पे 
चंद्र चकोर ।



9.

मन दर्पण 
बंद आंखें देखतीं 
प्रिय का मुख ।



10.

भक्ति चंदन 
महके कण-कण 
ईश दर्शन ।



11.

जीवन कला 
अनुभव निखार 
छायी बहार ।



12.

चांद सूरज 
प्रकृति उपहार 
ईश नमन ।



13.

दो मीठे बोल 
उपहार स्वरूप 
बढ़ता प्रेम ।
~ • ~



□  सुलोचना सिंह 

भिलाई, दुर्ग [छत्तीसगढ़]

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