हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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बुधवार, 4 सितंबर 2019

हाइकु कवयित्री मनोरमा जैन "पाखी" जी के हाइकु


हाइकु कवयित्री 

मनोरमा जैन "पाखी"


हाइकु 


1.
सर्द सी रात
रजाई में दुबके
काँपते गात ।

2.
मन मंदिर 
सुबह को पूजन
शाम आरती ।

3.
उठा कोहरा
नदी की गहराई
बादल सम ।

4.
बरसे नीर 
धरा बनी दर्पण
नभ की छाया ।

5.
छायो बसंत 
दहके पलाश भी 
अंगार सम ।
~ • ~

□  मनोरमा जैन "पाखी"

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