हाइकु कवयित्री
आभा दवे
हाइकु
1)
शिशिर ऋतु
मन मोहती सदा
फूलों से लदी ।
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2)
पत्ते झड़ते
कोहरा मुस्कुराए
ऋतु शिशिर ।
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3)
ठंड की मार
शिशिर में अधिक
ठिठुरे सभी ।
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4)
ओस की बूंदें
धरती में चमके
शिशिर हँसे ।
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5)
शुभ्र दिशाएँ
मकर संक्रांति भी
शिशिराधीन ।
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