हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शनिवार, 21 मार्च 2020

हाइकुकार बाबू लाल शर्मा "विज्ञ" जी के हाइकु

हाइकुकार

बाबू लाल शर्मा विज्ञ"

हाइकु शतक (द्वितीय)

१.
सत्ता का पेड़
काग बनाए नीड़
कोयल चूजे ।

२.
फाल्गुन संध्या
बूँटे लिए बालिका
जमी चौपाल ।

३.
नदी का घाट
स्नान भीड़ में वृद्ध 
पोटली भय ।

४.
जल की प्याऊ
सिर पर पोटली 
प्यासी बुढ़िया ।

५.
विवाहोत्सव
चौपाल में मध्यस्थ
सिर पे बागा ।

६.
नीम की छाँव
बुढ़िया चारपाई
पड़े बताशे ।

शहरी पथ 
नग्न है फुटपाथ 
वस्त्रों में श्वान ।

८.
चाँदनी रात
बाराती की आतिश
छान में आग ।

९.
छान का घर
रखे बया ने अण्डे 
गिलहरियाँ ।

१०.
अभयारण्य
छटपटाए मृग
बाघ की मूर्ति ।

११.
बसंत मेघ
ढोल बजाए ओला
टीन छप्पर ।

१२.
गृह वाटिका
पेड़ के बँधी डोरी
सूनी कलाई ।

१३.
कार्तिक भोर
धेनु,वत्स को दाना
झाँकती बाला ।

१४.
गोप अष्टमी
सड़क पर गाय 
हाथ में थाल ।

१५.
रक्षाबंधन
कुश लिए देहाती
जल अंजुलि ।

१६.
खजूर पेड़
झाड़न के तिनके 
बया का जोड़ा ।

१७.
फाग पूनम
झुलसे बाला हाथ
जौ की बालियाँ ।

१८.
गोधूलि वेला
धागे में फँसा शुक 
उड़ान पथ ।

१९.
फाल्गुनी संध्या
हरे चने लिए बच्चे
किसान हँसा ।

२०.
कच्ची सड़क
ठंठा नीर पिलाए 
भूखी बुढ़िया ।

२१.
खेल मैदान
टिटहरी के अण्डे
दौड़ी छात्राएँ ।

२२.
गेहूँ का खेत
कपोत चुग्गा स्थल
नन्ही बालिका ।

२३.
सोनार गढ़
रेतीले राजपथ 
आँक के पौधे ।

२४.
पहाड़ी बस्ती
पेड़ से गिरा ग्वाला
भेड़ की ऊन ।

२५.
नदी किनारे
घरौंदे में सीपियाँ
लाश पे काग ।

२६.
अमलताश
मधुमक्खी का छत्ता
कपि मंथन ।

२७.
खेत सिंचाई
सूखी घास झाड़ियाँ
दियासलाई ।

२८.
ग्रीष्म की साँझ
आग लगे घर में
नाचती बाला ।

२९.
प्रथम वर्षा
किसान की धरती
खून के छींटे ।

३०.
भादौ की वर्षा
केले का पत्ता बजा
नाचे बालक ।

३१.
चौके में माता
तेल मसाला गंध
पथ में छींक ।

३२.
नीम में नीड़
टहनी पर चढ़ी
गलबहियाँ ।

३३.
वन विहार
भड़की दावानल
युवा मंडली ।

३४.
बुद्ध पूर्णिमा
वर वधु संदेह
स्वेद से भीगे ।

३५.
कमल ताल
आलिंगित भ्रमर
युवा रोमांच ।

३७.
सावन तीज
झूले पर किशोरी
उड़े चुनरी ।

३८.
बसंत भोर
बजा ढोल का डंका
टीन छप्पर ।

३९.
बैसाख संध्या
अन्न ढेरी को ढंकी
भीगा कृषक ।

४०.
प्रथम वर्षा
मेड़ करे किसान
हँसी बालिका ।

४१.
बुद्ध पूर्णिमा
विवाह के मंडप
पुलिस दल ।

४२.
ज्येष्ठ दशमी
फेरों संग दम्पत्ति
स्वेद में स्वप्न ।

४३.
वर्षा का जल
भीगे बालिका पैर
पथ कंटक ।

४४.
आम्र मंजरी
फल कुतरे शुक
बाज का पंजा ।

४५.
फाल्गुन मेघ
ढोल ताशे नगाड़ा
पीपल पात ।

४६.
हवामहल
जालीदार भवन
कपि युगल ।

४७.
गृह वाटिका
पेड़ के राखी बाँधी
हँसी बालिका ।

४८.
गोप अष्टमी
झांके ग्वाल का घर
गाय बछड़ा ।

४९.
गोप अष्टमी
बछड़े के तिलक
प्लास्टिक थैली ।

५०.
आम बागान
वर्षा में भीगे वानर 
बया का नीड़ ।

५१.
ताजमहल
वृद्धा बेचे तस्वीर
अशोक वृक्ष ।

५२.
बच्छ द्वादशी 
कार की दुर्घटना
तड़पे गाय ।

५३.
सावन तीज
झूले पर किशोरी
गोद मे स्वप्न ।

५४.
प्रेम दिवस
छात्र-छात्रा के शव
हवाई किला ।

५५.
बँधा युवक
सजी ग्राम्य चौपाल
नँगाड़ा गूँज ।

५६.
बैसाख साँझ
कैरी जीरा चटनी 
ताजी रोटियाँ ।

५७.
नीम की डाल
बल खाए कोबरा
चील का पंजा ।

५८.
तिमनगढ़
सैलानी पे झपटा
चमगादड़ ।

५९.
फाग पूर्णिमा
मेंहदी रचे हाथ
बलूकड़ियाँ ।

६०.
चैत्र की भोर
हरियल प्रवासी
पीपल फल ।

६१.
होली दहन
रक्त से सने हाथ 
जौं की बालियाँ ।

६२.
बंजर भूमि
ट्रैक्टर पर श्वान 
टिटहरियाँ ।

६३.
विद्युत पोल
वानर का मचान
झूले पतंग ।

६४.
भोर का तारा
घुटने मध्य बाल्टी 
मुर्गे की बाँग ।

६५.
कमल ताल
आलिंगित भ्रमर
खीर मखाना ।

६६.
गोचर भूमि
टिटहरी के अण्डे 
ग्वाल मवेशी ।

६७.
रामनवमी
भीगा धरतीपुत्र
गेंहूँ फसल ।

६८.
फाग के मेघ
बिखरे पंछी शव 
बर्फ की पर्त ।

६९.
फाग फुहार
पसरी  है फसल
लोमड़ी पंख ।

७०.
भादौ का ताप
चूहा दाबे नागिन
मयूर भोज ।

७१.
तालछापर
घर में रखी रोटी 
काला हरिण ।

७२.
चमगादड़
माँ की आँखो से नीर
लौटा प्रवासी ।

७३.
माघ पूर्णिमा
वेणेश्वर का मेला
अस्थि थैलियाँ ।

७४.
बेटी दिवस
झाड़ियों में बालिका
स्वान उत्सव ।

७५.
माँ की ममता
नीम पर मर्कटी
गोद में पिल्ला ।

७६.
पद्मला ताल
बाघिन का शिकार
झूला मकर ।

७७.
जोगी महल
वन्य जड़ी बूटियाँ
बाघ का नख।

७८.
गोरस धार
घुटनो मध्य बाल्टी
हाथ में थन ।

७९.
चूरमा बाटी
ऊपलों का जगरा
आटे की पिण्डी ।

८०.
चाँदनी रात
पीठ पर बकरी
चोर जरख ।

८१.
चैत्र मध्यान्ह
नीम डाल पे तोते
विरहा आह ।

८२.
देवशयनी
मंडप  संग पंगत
थाली में भेक ।

८३.
अक्षय तीज
विवाह का मंडप 
हथकड़ियाँ ।

८४.
सावन वर्षा
बया नीड़ का टोपा
खेत हरषा ।

८५.
मिट्टी का चूल्हा
माँ के हाथ में रोटी 
मक्खन बड़ा ।

८६.
पुष्कर मेला
बाजरे की रोटियाँ
नाचे प्रवासी ।

८७.
दादुर ध्वनि
छप्पर पर वृद्ध 
हाथ में पानी ।

८८.
अमा की रात
उजड़ा बया नीड़ 
मिट्टी चमकी ।

८९.
भादौ के मेघ
चींटियाँ ढोये अण्डे
तीतर मैना ।

९०.
बैसाख भोर
पत्तों पर अंजीर
बाल जीमण ।

९१.
ज्येष्ठ की ताप
घट मतीरा क्यारी 
सत्तू शक्कर ।

९२.
चंद्र ग्रहण
कटी चाँदी की थाली 
गेरुआ छींटे ।

९३.
आसोज साँझ
टिड्डे लपके स्वान
प्रकाश पथ ।

९४.
फाग में ओले 
बिखरे पंख रंग
पथ पे रूई ।

९५.
शीत लहर
वृद्धा के हाथ काँपे
तीली माचिस ।

९६.
प्रेम दिवस
वृद्धाश्रम के द्वार
माँ बाप साथ ।

९७.
रास पूर्णिमा
खीर से भरा दोना 
खाँसे बुजुर्ग ।

९८.
कार्तिक साँझ
चौक लीपे बालिका
पीठ पे शिशु ।

९९.
कसैलापन
माँ के हाथ में शीशी 
शिशु की चीख ।

१००.
ठूँठ झंखाड़
चिड़िया का घोंसला
बिखरेअण्डे ।
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✍©बाबू लाल शर्मा ,बौहरा
सिकंदरा, दौसा, राजस्थान
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