हाइकुकार
बाबू लाल शर्मा विज्ञ"
हाइकु शतक (द्वितीय)
१.
सत्ता का पेड़
काग बनाए नीड़
कोयल चूजे ।
२.
फाल्गुन संध्या
बूँटे लिए बालिका
जमी चौपाल ।
३.
नदी का घाट
स्नान भीड़ में वृद्ध
पोटली भय ।
४.
जल की प्याऊ
सिर पर पोटली
प्यासी बुढ़िया ।
५.
विवाहोत्सव
चौपाल में मध्यस्थ
सिर पे बागा ।
६.
नीम की छाँव
बुढ़िया चारपाई
पड़े बताशे ।
७
शहरी पथ
नग्न है फुटपाथ
वस्त्रों में श्वान ।
८.
चाँदनी रात
बाराती की आतिश
छान में आग ।
९.
छान का घर
रखे बया ने अण्डे
गिलहरियाँ ।
१०.
अभयारण्य
छटपटाए मृग
बाघ की मूर्ति ।
११.
बसंत मेघ
ढोल बजाए ओला
टीन छप्पर ।
१२.
गृह वाटिका
पेड़ के बँधी डोरी
सूनी कलाई ।
१३.
कार्तिक भोर
धेनु,वत्स को दाना
झाँकती बाला ।
१४.
गोप अष्टमी
सड़क पर गाय
हाथ में थाल ।
१५.
रक्षाबंधन
कुश लिए देहाती
जल अंजुलि ।
१६.
खजूर पेड़
झाड़न के तिनके
बया का जोड़ा ।
१७.
फाग पूनम
झुलसे बाला हाथ
जौ की बालियाँ ।
१८.
गोधूलि वेला
धागे में फँसा शुक
उड़ान पथ ।
१९.
फाल्गुनी संध्या
हरे चने लिए बच्चे
किसान हँसा ।
२०.
कच्ची सड़क
ठंठा नीर पिलाए
भूखी बुढ़िया ।
२१.
खेल मैदान
टिटहरी के अण्डे
दौड़ी छात्राएँ ।
२२.
गेहूँ का खेत
कपोत चुग्गा स्थल
नन्ही बालिका ।
२३.
सोनार गढ़
रेतीले राजपथ
आँक के पौधे ।
२४.
पहाड़ी बस्ती
पेड़ से गिरा ग्वाला
भेड़ की ऊन ।
२५.
नदी किनारे
घरौंदे में सीपियाँ
लाश पे काग ।
२६.
अमलताश
मधुमक्खी का छत्ता
कपि मंथन ।
२७.
खेत सिंचाई
सूखी घास झाड़ियाँ
दियासलाई ।
२८.
ग्रीष्म की साँझ
आग लगे घर में
नाचती बाला ।
२९.
प्रथम वर्षा
किसान की धरती
खून के छींटे ।
३०.
भादौ की वर्षा
केले का पत्ता बजा
नाचे बालक ।
३१.
चौके में माता
तेल मसाला गंध
पथ में छींक ।
३२.
नीम में नीड़
टहनी पर चढ़ी
गलबहियाँ ।
३३.
वन विहार
भड़की दावानल
युवा मंडली ।
३४.
बुद्ध पूर्णिमा
वर वधु संदेह
स्वेद से भीगे ।
३५.
कमल ताल
आलिंगित भ्रमर
युवा रोमांच ।
३७.
सावन तीज
झूले पर किशोरी
उड़े चुनरी ।
३८.
बसंत भोर
बजा ढोल का डंका
टीन छप्पर ।
३९.
बैसाख संध्या
अन्न ढेरी को ढंकी
भीगा कृषक ।
४०.
प्रथम वर्षा
मेड़ करे किसान
हँसी बालिका ।
४१.
बुद्ध पूर्णिमा
विवाह के मंडप
पुलिस दल ।
४२.
ज्येष्ठ दशमी
फेरों संग दम्पत्ति
स्वेद में स्वप्न ।
४३.
वर्षा का जल
भीगे बालिका पैर
पथ कंटक ।
४४.
आम्र मंजरी
फल कुतरे शुक
बाज का पंजा ।
४५.
फाल्गुन मेघ
ढोल ताशे नगाड़ा
पीपल पात ।
४६.
हवामहल
जालीदार भवन
कपि युगल ।
४७.
गृह वाटिका
पेड़ के राखी बाँधी
हँसी बालिका ।
४८.
गोप अष्टमी
झांके ग्वाल का घर
गाय बछड़ा ।
४९.
गोप अष्टमी
बछड़े के तिलक
प्लास्टिक थैली ।
५०.
आम बागान
वर्षा में भीगे वानर
बया का नीड़ ।
५१.
ताजमहल
वृद्धा बेचे तस्वीर
अशोक वृक्ष ।
५२.
बच्छ द्वादशी
कार की दुर्घटना
तड़पे गाय ।
५३.
सावन तीज
झूले पर किशोरी
गोद मे स्वप्न ।
५४.
प्रेम दिवस
छात्र-छात्रा के शव
हवाई किला ।
५५.
बँधा युवक
सजी ग्राम्य चौपाल
नँगाड़ा गूँज ।
५६.
बैसाख साँझ
कैरी जीरा चटनी
ताजी रोटियाँ ।
५७.
नीम की डाल
बल खाए कोबरा
चील का पंजा ।
५८.
तिमनगढ़
सैलानी पे झपटा
चमगादड़ ।
५९.
फाग पूर्णिमा
मेंहदी रचे हाथ
बलूकड़ियाँ ।
६०.
चैत्र की भोर
हरियल प्रवासी
पीपल फल ।
६१.
होली दहन
रक्त से सने हाथ
जौं की बालियाँ ।
६२.
बंजर भूमि
ट्रैक्टर पर श्वान
टिटहरियाँ ।
६३.
विद्युत पोल
वानर का मचान
झूले पतंग ।
६४.
भोर का तारा
घुटने मध्य बाल्टी
मुर्गे की बाँग ।
६५.
कमल ताल
आलिंगित भ्रमर
खीर मखाना ।
६६.
गोचर भूमि
टिटहरी के अण्डे
ग्वाल मवेशी ।
६७.
रामनवमी
भीगा धरतीपुत्र
गेंहूँ फसल ।
६८.
फाग के मेघ
बिखरे पंछी शव
बर्फ की पर्त ।
६९.
फाग फुहार
पसरी है फसल
लोमड़ी पंख ।
७०.
भादौ का ताप
चूहा दाबे नागिन
मयूर भोज ।
७१.
तालछापर
घर में रखी रोटी
काला हरिण ।
७२.
चमगादड़
माँ की आँखो से नीर
लौटा प्रवासी ।
७३.
माघ पूर्णिमा
वेणेश्वर का मेला
अस्थि थैलियाँ ।
७४.
बेटी दिवस
झाड़ियों में बालिका
स्वान उत्सव ।
७५.
माँ की ममता
नीम पर मर्कटी
गोद में पिल्ला ।
७६.
पद्मला ताल
बाघिन का शिकार
झूला मकर ।
७७.
जोगी महल
वन्य जड़ी बूटियाँ
बाघ का नख।
७८.
गोरस धार
घुटनो मध्य बाल्टी
हाथ में थन ।
७९.
चूरमा बाटी
ऊपलों का जगरा
आटे की पिण्डी ।
८०.
चाँदनी रात
पीठ पर बकरी
चोर जरख ।
८१.
चैत्र मध्यान्ह
नीम डाल पे तोते
विरहा आह ।
८२.
देवशयनी
मंडप संग पंगत
थाली में भेक ।
८३.
अक्षय तीज
विवाह का मंडप
हथकड़ियाँ ।
८४.
सावन वर्षा
बया नीड़ का टोपा
खेत हरषा ।
८५.
मिट्टी का चूल्हा
माँ के हाथ में रोटी
मक्खन बड़ा ।
८६.
पुष्कर मेला
बाजरे की रोटियाँ
नाचे प्रवासी ।
८७.
दादुर ध्वनि
छप्पर पर वृद्ध
हाथ में पानी ।
८८.
अमा की रात
उजड़ा बया नीड़
मिट्टी चमकी ।
८९.
भादौ के मेघ
चींटियाँ ढोये अण्डे
तीतर मैना ।
९०.
बैसाख भोर
पत्तों पर अंजीर
बाल जीमण ।
९१.
ज्येष्ठ की ताप
घट मतीरा क्यारी
सत्तू शक्कर ।
९२.
चंद्र ग्रहण
कटी चाँदी की थाली
गेरुआ छींटे ।
९३.
आसोज साँझ
टिड्डे लपके स्वान
प्रकाश पथ ।
९४.
फाग में ओले
बिखरे पंख रंग
पथ पे रूई ।
९५.
शीत लहर
वृद्धा के हाथ काँपे
तीली माचिस ।
९६.
प्रेम दिवस
वृद्धाश्रम के द्वार
माँ बाप साथ ।
९७.
रास पूर्णिमा
खीर से भरा दोना
खाँसे बुजुर्ग ।
९८.
कार्तिक साँझ
चौक लीपे बालिका
पीठ पे शिशु ।
९९.
कसैलापन
माँ के हाथ में शीशी
शिशु की चीख ।
१००.
ठूँठ झंखाड़
चिड़िया का घोंसला
बिखरेअण्डे ।
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✍©बाबू लाल शर्मा ,बौहरा
सिकंदरा, दौसा, राजस्थान
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