हाइकु कवयित्री
पूर्णिमा साह
हाइकु
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1.
कोरोना काल
मजदूर बेहाल
रोटी सवाल ।
2.
श्रम का दान
श्वेद नहाया तन
कर्म महान ।
3.
श्रमिक दर्द
गाँव को पलायन
ढूँढता कर्म ।
4.
सड़क घर
अभिशाप गरीबी
श्रमिक दर्द ।
5.
श्रम निराश
कोरोना का संत्रास
क्षुब्ध है आस ।
6.
उद्योग बंद
मजदूरी पाबंद
अंतस द्वंद ।
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□ पूर्णिमा साह
पश्चिम बंगाल
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