हाइकु कवयित्री
इन्दु साहू
हाइकु
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1.
किधर जाएँ
सुनसान है राहें
अंधेरी रात ।
2.
पकड़ो हाथ
माता और पिता का
रहेंगें साथ ।
3.
समय पर
कार्य पूर्ण करना
आगे बढ़ना ।
4.
शीतल जल
कलकल बहती
नदियाँ सारी ।
5.
रूप अनेक
आसमान में एक
चाँद को देखो ।
6.
सबसे प्यारा
लगे देश हमारा
आँखों का तारा ।
7.
मन में आस
सदैव ही रखना
लिए विश्वास ।
8.
निशा के बाद
आदित्य गगन में
प्रभा के साथ ।
9.
दिव्य किरणें
नयी उषा के साथ
नभ में आयीं ।
10.
नया सवेरा
सबके लिए लाया
हर्ष का घेरा ।
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□ इन्दु साहू
पुरी बगीचा, रायगढ़ (छत्तीसगढ़)

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