डॉ. रामनिवास 'मानव' जी द्वारा रचित हरियाणवी हाइकु
डॉ. रामनिवास 'मानव'
हरियाणवी हाइकु
1.
सूरज आग्गै
अंधेरा का राकस
डर कै भाग्गै ।
2.
खिलै जै फूल
हंसै घर-आंगण
महकै धूळ ।
3.
हार के जीत
सभ खेल भाग का
समझो रीत ।
4.
जीवण-खेत
हुया इब उस्सर
उड़ै सै रेत ।
5.
मन सै तोत्ता
अर तन पिंजरा
घुट कै रोत्ता ।
6.
किसी सै खैर
बैरी हुया जमाना
अपणा गैर ।
7.
सांप-सपेरा
मिलैं कदे राह मैं
जाळ-मछेरा ।
8.
काम जो लाग्या
कदे ना कदे भाग
उसका जाग्या ।
9.
सो टंच खरी
लाग्गै अपणी भासा
गुड़-मिसरी ।
10.
मिले सैं कांट्टे
हमनै तो फेर बी
फूल ए बांट्टे ।
■
~ डॉ. रामनिवास 'मानव'
571, सैक्टर-1, पार्ट-2
नारनौल-123001 (हरियाणा)
मोबाइल : 8053545632
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