हिन्दी हाइकु एवं पंजाबी अनुवाद
✍प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
मूल हिन्दी हाइकु
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01.
संसार मौन
गूंगे का व्याकरण
पढेगा कौन?
02.
बह जाने दें
बह जाने दें
ये आँसू ही धोते हैं
मन के मैल ।
03.
चुप्पी क्रांति है
चुप्पी क्रांति है
आवाज के विरुद्ध
एक आवाज ।
04.
आओ तोड़ने
आओ तोड़ने
रुढ़ियों का आकाश
लगा फैलने ।
05.
दुल्हा बना हूँ
दुल्हा बना हूँ
और स्मृतियाँ मेरी
बनी दूल्हन ।
06.
झरी मोतियाँ
झरी मोतियाँ
मुस्का रहा बादल
सावन आया ।
07.
बता दो तुम
बता दो तुम
शान्ति ढूँढ रहा हूँ
कहाँ मिलेगी ?
08.
पीड़ाएँ मेरी
पीड़ाएँ मेरी
भेद पाओगे नहीं
ये हैं अभेद्य ।
09.
संयम छंद
संयम छंद
महके ज्यों संबंध
हुआ स्वच्छंद ।
10.
ज्ञान का सूर्य
ज्ञान का सूर्य
अज्ञान का अंधेरा
करता दूर ।
11.
धूप की थाली
धूप की थाली
बादल मेहमान
सूरज रोटी ।
12.
सत्यता जहाँ
सत्यता जहाँ
खुदा रहता वहाँ
ढूँढता कहाँ ?
13.
आदमी-पंक्ति
आदमी-पंक्ति
मन एक हाइकु
छंद-प्रकृति ।
14.
काँटे तो नहीं
काँटे तो नहीं
चूभने लगे अब
कोमल फूल ।
15.
रखो आईना
रखो आईना
आत्मकथा अपनी
फिर लिखना ।
16.
शाश्वत सच
शाश्वत सच
सिक्के के दो पहलू
जन्म व मृत्यु ।
17.
चोट लगी है
चोट लगी है
यकीनन भीतर
टीसता दर्द ।
18.
भूख से लड़ा
भूख से लड़ा
पर ताकतवर
वही निकला ।
19.
व्यवस्था साँचा
व्यवस्था साँचा
ढल न पाया उर
टूटने लगा ।
20.
दूर से फैला
दूर से फैला
रुढ़ियों का आकाश
कहाँ से तोड़ें ।
21.
घुटता दम
घुटता दम
देश अशांत देख
टूटता मन ।
22.
हँसा अतीत
हँसा अतीत
रुलाये वर्तमान
भविष्यत को ।
23.
उड़ती हाय
उड़ती हाय
अभिलाषा की धूल
जलता उर ।
24.
मानव पीटा
मानव पीटा
मानवता की पीठ
छल्ली हो गयी ।
25.
आँसू छलके
आँसू छलके
हँसे, फिर पीड़ा के
गीत सुनाये ।
26.
मुस्कान रोए
मुस्कान रोए
ठिठौली कर रहे
आँसू मुझ पे ।
27.
काल यंत्र में
काल यंत्र में
मानवता पिरती
गन्ने की भाँति ।
✍प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
पंजाबी अनुवाद :-----
अनुवादक :
जसदीप मोहन जी
01)
ਸੰਸਾਰ ਮੌਨ
ਗੂੰਗੇ ਦਾ ਵਿਆਕਰਣ
ਪੜੇਗਾ ਕੌਣ
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02)
ਵਗ ਜਾਣ ਦੇ
ਇਹ ਹੰਝੂ ਹੀ ਧੋੰਦੇ ਨੇ
ਮਨ ਦੇ ਮੈਲ
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03)
ਮੌਨ ਇੱਕ ਕ੍ਰਾੰਤੀ
ਆਵਾਜ਼ ਦੇ ਖਿਲ਼ਾਫ਼
ਇੱਕ ਆਵਾਜ਼
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04)
ਆਓ ਤੋੜੀਏ
ਰੂੜੀਆੰ ਦਾ ਅਕਾਸ਼
ਫੈਲਦਾ ਜਾੰਦਾ
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05)
ਲਾੜਾ ਬਣ ਬੈਠਾ
ਤੇ ਯਾਦਾੰ ਮੇਰੀਆੰ
ਬਣੀਆੰ ਲਾੜੀ
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06)
ਵਰਸੇ ਮੋਤੀ
ਹੱਸਦਾ ਹੈ ਬੱਦਲ
ਸਾਵਣ ਆਇਆ
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07)
ਦੱਸੋ ਖਾੰ
ਲੱਭ ਰਿਹਾ ਹਾੰ ਸ਼ਾੰਤੀ
ਕਿੱਥੋੰ ਮਿਲੂ
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08)
ਪੀੜ ਮੇਰੀ
ਤੇਰੇ ਵੱਸ ਦੀ ਨਹੀੰ
ਇਹ ਹੈ ਅਪਾਰ
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09)
ਸੰਜਮ ਛੰਦ
ਮਹਿਕੇ ਜਿਉੰ ਸੰਬੰਧ
ਹੋਕੇ ਮਸਤਾਨਾ
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10)
ਗਿਆਨ ਦਾ ਸੂਰਜ
ਅਗਿਆਨ ਦਾ ਹਨੇਰਾ
ਦੂਰ ਕਰੇ
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11)
ਧੁੱਪ ਦੀ ਥਾਲੀ
ਬੱਦਲ ਪ੍ਰਾਹੁਣਾ
ਸੂਰਜ ਰੋਟੀ
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12)
ਸੱਚਾਈ ਜਿੱਥੇ
ਰੱਬ ਰਹੇ ਉੱਥੇ
ਲੱਭਦਾ ਕਿੱਥੇ?
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13)
ਆਦਮੀ -ਵਾਕ
ਮਨ ਇੱਕ ਹਾਈਕੂ
ਛੰਦ-ਸੁਭਾਅ
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14)
ਕੰਡੇ ਤਾੰ ਨਹੀੰ
ਚੁੱਭਣ ਲੱਗੇ ਹੁਣ
ਕੋਮਲ ਫੁੱਲ
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15)
ਛੱਡ ਸ਼ੀਸ਼ਾ
ਜੀਵਨੀ ਆਪਣੀ
ਫੇਰ ਲਿਖੀੰ
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16)
ਅਟੱਲ ਸੱਚਾਈ
ਸਿੱਕੇ ਦੇ ਦੋ ਪਹਿਲੂ
ਜੀਵਨ ਤੇ ਮਰਨ
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17)
ਸੱਟ ਲੱਗੀ ਏ
ਸੱਚੀੰ ਅੰਦਰੋ
ਉੱਠਦੀ ਦਰਦ
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18)
ਭੁੱਖ ਨਾਲ ਲੜਿਆ
ਤਾਕਤਵਰ ਵੀ
ਓਹੀ ਖੜਿਆ
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19)
ਪ੍ਰਬੰਧ ਸੱਚਾ
ਹਿਰਦਾ ਢਲ ਨਾ ਸਕਿਆ
ਟੁੱਟਣ ਕਿਨਾਰੇ
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20)
ਮੀਲਾੰ-ਬੱਧੀ ਫੈਲਿਆ
ਰੂੜੀਆੰ ਦਾ ਅਕਾਸ਼
ਕਿਵੇੰ ਤੋੜੀਏ
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21)
ਮਨ ਘੁਟਦਾ
ਦੇਖਕੇ ਅਸ਼ਾਤ ਦੇਸ਼
ਮਨ ਟੁੱਟਦਾ
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22)
ਅਤੀਤ ਹੱਸਿਆ
ਰਵਾਉੰਦਾ ਵਰਤਮਾਨ
ਭਵਿੱਖਤ ਨੂੰ
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23)
ਉੱਡਦੀ ਹਾਅ
ਆਸਾੰ ਦੀ ਧੂੜ
ਸਾੜਦੀ ਹਿਰਦਾ
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24)
ਦੂਰਦ਼ਸ਼ਾ
ਮਨੁੱਖਤਾ ਦੀ ਪਿੱਠ
ਛੱਲਣੀ ਹੋਈ
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25)
ਹੰਝੂ ਛਲਕੇ
ਹੱਸੇ, ਫਿਰ ਦਰਦਾੰ ਦੇ
ਗੀਤ ਸੁਣਾਏ
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26)
ਮੁਸਕਾਨ ਰੋਵੇ
ਠੱਠਾ ਕਰ ਰਹੇ
ਹੰਝੂ ਮੇਰੇ ਵੱਲ
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27)
ਕਾਲ ਯੰਤਰ ਵਿੱਚ
ਮਾਨਵਤਾ ਪੀੜਦੀ
ਗੰਨੇ ਦੇ ਵਾੰਗਰਾੰ
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देवनागरी लिप्यंतरण : ------
01)
संसार मौन
गूंगे दा विआकरण
पड़ेगा कौण ?
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02)
वग जाण दे
ऐह हंझू ही धोंदे ने
मन दे मैल
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03)
मौन इक क्रान्ति
आवाज़ दे खिलाफ
इक आवाज़
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04)
आओ तोड़िए
रूड़ियां दा अकाश
फैलदा जांदा
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05)
लाड़ा बण बैठा
ते यादां मेरिआं
बणीआं लाड़ी
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06)
बरसे मोती
हस्सदा है बद्दल
सावण आया
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07)
दस्सो खां
लभ्भ रेहा हां शान्ति
कित्थों मिलू ?
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08)
पीड़ मेरी
तेरे वस्स दी नहीं
ऐह है अपार
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09)
संजम छन्द
महके ज्यों सम्बन्ध
होके मसताना
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10)
ज्ञान दा सूरज
अज्ञान दा हनेरा
दूर करे
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11)
धुप्प दी थाली
बद्दल पराहुणा
सूरज रोटी
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12)
सच्चाई जित्थे
रब्ब रहे उत्थे
लभ्भदा कित्थे
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13)
आदमी-वाक
मन इक हाईकू
छन्द सुभाअ
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14)
कण्डे ता नहीं
चुभ्भण लग्गे हुण
कोमल फुल्ल
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15)
छड्ड शीशा
जीवनी आपणी
फेर लिखीं
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16)
अट्टल सच्चाई
सिक्के दे दो पैहलू
जीवन ते मरन
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17)
सट्ट लग्गी ऐ
सच्चीं अन्दरों
उट्ठदी दरद
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18)
भुक्ख नाल लड़ेया
ताकतवर भी
ओही खड़ेया
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19)
प्रबन्ध सच्चा
हिरदा ढल ना सकेआ
टुट्टण किनारे
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20)
मीलां बध्धी फैलेया
रूड़ियां दा अकाश
किवें तोड़िऐ
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21)
मन घुटदा
देखके अशाँत देश
मन टुटदा
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22)
अतीत हस्सेया
रवाउंदा वरतमान
भविक्खत नूँ
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23)
उडदी हाअ
आसां दी धूड़
साड़दी हिरदा
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24)
दुरदशा
मनुक्खता दी पिट्ठ
छल्लणी होई
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25)
हँझू छलके
हस्से, फिर दरदां दे
गीत सुणाए
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26)
मुसकान रोवे
ठट्ठा कर रहे
हँझू मेरे वल्ल
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27)
काल यंतर विच्च
मानवता पीड़दी
गन्ने दे वांगरां ।
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अनुवादक : जसदीप मोहन जी
पिता का नाम : श्री राम सरन मोहन
जन्म : 03.04.1971
शिक्षा : -------
एम.ए.(हिन्दी,पंजाबी,राजनीति शास्त्र) एम.एड.,एम.फिल.,पी-एच.डी.(हिन्दी)
प्रकाशित कृतियाँ : -------
कविता साधना
लेख साधना
शेख़ फरीद-एक पुन:पाठ
मेरी अविस्मरणीय यादें (अनूदित)
व्यवसाय : ------
कार्यकारी प्रिंसीपल
लायलपुर खालसा सीनियर सैकण्डरी स्कूल
जालन्धर, पंजाब
पोस्टल पता : ------
लक्की जनरल स्टोर
लाम्बड़ा, ज़िला : जालन्धर (पंजाब)
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