हाइकुकार
डॉ. आनन्द प्रकाश शाक्य
हाइकु
1.
मन की पाखें
देख न सकीं कभी
ये दोनों आँखें ।
2.
ये अन्तर्मन
जाने अन्तश्चेतना
सु संवेदना ।
3.
माँ की ममता
सही दिशा निर्देश
मेरी क्षमता ।
4.
मन मयूर
देख श्यामल घटा
नाचता फिरे ।
5.
बरसा जल
फैली है हरीतिमा
ज्यों हरी साड़ी ।
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