हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

~समसामयिक हाइकु संचयन (अगस्त-2019)~


🎋 हाइकु मंच छत्तीसगढ़ 🎋

समसामयिक हाइकु संचयनिका 

  अगस्त 2019 के श्रेष्ठ हाइकु

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बूँदों का शोर
घटा है घनघोर
भीगती भोर ।

□  पूर्णिमा सरोज

गरजे मेघ
दमकती दामिनी
हिय में हूक ।

□  धनेश्वरी देवांगन धरा

बिजली गिरी
झंकृत कर गयी
दिल के तार ।

□  क्रान्ति

गाती कोकिला 
नाचती गिलहरी 
अंबुआ डाली ।

□  सुलोचना सिंह

बादल संग
बरसने की ठानी
वर्षा दीवानी ।
   
□  पूर्णिमा सरोज

अबोध ईर्ष्या
नित बढ़ाये पाप
करें संताप ।

□  रंजन कुमार सोनी

प्यासी धरती
सावन बीत चला
कैसे हो खेती ।

□  शशि मित्तल

कोयल कूके
आम्र दरख्त झूला
मन चहके ।

□  स्वाति गुप्ता "नीरव"

बरसात में
उफनती नदियाँ
टूटा घरौंदा ।

 □  रविबाला ठाकुर

खुद सिमटा
बाकी सब बिखरा
जीवन मुक्ति । 

□  मनीभाई "नवरत्न"

दीपक जले
गम के अंधकार 
पल में हरे ।

□  क्रांति

पानी बरसा
पौधे में आई जान
मुस्काई धरा ।

□  स्वाति गुप्ता "नीरव"

सुहानी शाम
महकती फिजायें
वाह आराम ।

□  रंजन कुमार सोनी

काली परत
खोखली हुई भूमि
बस्ती उजड़ी ।

□  स्वाति गुप्ता "नीरव"

जलता देश 
हिटलर का राज 
केवल चुप्पी । 

डरे कपोत 
सहमे परवाज
घात में बाज ।

क्यों यहाँ शोर
जंगल  में  मंगल 
नाचता   मोर ।

□  सुनील गुप्ता

कैसी बदरी
बदलती रहती
लोगों के जैसे ।

□  पूनम दूबे

जीवन यात्रा 
वक़्त की चाक पर
दिन व रात ।

□  सुलोचना सिंह

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