हाइकुकार
डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय
हाइकु
1.
गर्भ में मरें
शैतानों से भी डरें
बेटियां जो हैं !
2.
मेघा गरजे
नृत्य करने लगा
मन मयूर ।
3.
ऋतु पावस
चटकती कलियां
सुप्त धरा की ।
4.
धरा मगन
दादुर मयूर का
मौन मुखर ।
5.
अतृप्त धरा
रिमझिम बूँदों से
लिपट सोई ।
6.
पड़ी फुहार
वसुधा के अधर
बोलने लगे ।
7.
बरसा पानी
ताल तलैयों पर
चढ़ी जवानी ।
8.
शुष्क वसुधा
निखरती पाकर
बूँदों का स्पर्श ।
9.
धरा भिगोते
अँखियों के सावन
बिन साजन ।
10.
स्मृति के गाँव
चलकर पहुँचे
चित्रों के पांव ।
~ • ~
□ डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय
1323/भूतल, सेक्टर-2, वेबसिटी
गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
पिन - 201002
ईमेल -kavidrrajeevpandey@gmail.com
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