हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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सोमवार, 26 अगस्त 2019

~ हाइकुकार मुकेश शर्मा "ओम" जी के हाइकु ~


हाइकुकार

मुकेश शर्मा "ओम"

हाइकु 


1.
दिल में प्यार
छिप नहीं सकता
ईत्र के जैसा ।

2.
बचपन से 
कोई नहीं सन्तुष्ट
वापिस चाहें ।

3.
कान जागते
बच्चा जब भी रोता
माँ सुन लेती ।

4.
सच्ची मित्रता
दो जिस्म एक जान
एक समान ।

5.
शिला तराशी
छिपे थे भगवान
ढूँढ निकाले ।
☆☆☆

□  मुकेश शर्मा "ओम"

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