हाइकु कवयित्री
अल्पा जीतेश तन्ना
हाइकु
1.
रंग-बिरंगी
तितलियाँ निराली
मन को भाती ।
2.
उड़ ही जाती
बेटियों की नियति
जैसे तितली ।
3.
कहाँ मिलेगी
अपनी ही तितली
उड़ जो चली ।
4.
उड़ ही गया
मन तितली बन
तुम्हारे पास ।
5.
आँगन मेरा
वो कर गई सूना
एक तितली ।
6.
महक रहा
तितली से पुष्प का
स्नेह संवाद ।
7.
प्रेम प्रस्ताव
तितली के समक्ष
झुके सुमन ।
8.
उड़ जाएगी
एक दिन रूह भी
जैसे तितली ।
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