हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

~हाइकु कवयित्री रीमा दीवान चड्ढा जी के हाइकु~


हाइकु कवयित्री 

रीमा दीवान चड्ढा 


हाइकु 

1.
प्रकृति बोली
ऋतु ये रूपवाली
है मतवाली ।

2 .
ये अनुबंध
मौसमी फूल संग
मन का बंध ।

3.
गगन भरे
धरा के मन देखो
प्रीत के रंग ।

4.
पुलकित है
वसुंधरा का तन
मन आँगन ।

5.
ह्रदय बजे
मृदुल मधुर सी
मीठी सी धुन ।

6.
पवन कहे
सुन रे सखी री तू
ये रुनझुन ।

7.
मन उमंग 
बजते चहुँ ओर
ढोल मृदंग ।

8.
पैजनी बजा
थिरकी है ये धरा
देह को सजा ।

9.
सिंगार देख
लाज से भर गई
नारी सी धरा ।

10.
हटा कर ये
हौले हँसी है जब 
लाज घूँघट ।

11.
सूर्य से प्रीत
बरसों है पुरानी
धरा दीवानी ।

12.
आया बसंत
ऋतु चक्र ये बढ़ा
वही कहानी ।
~ • ~

□  रीमा दीवान चड्ढा

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