हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

सोमवार, 30 सितंबर 2019

समसामयिक हाइकु संचयन (सितम्बर - 2019)


🎋 हाइकु मंच छत्तीसगढ़ 🎋

समसामयिक हाइकु संचयनिका

सितम्बर  2019 के श्रेष्ठ हाइकु

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मृदुल गीत 
पक्षी का कलरव 
गाये प्रभात ।

□ सुलोचना सिंह

भोर सुहानी
पक्षी हमें सुनाते
मधुर गीत ।

□  क्रान्ति

गुरुता गूढ़ 
अज्ञान का अँधेरा
पल में दूर ।

□ प्रदीप कुमार दाश "दीपक"

झरता पानी
मचलता है मन
रुकते कहाँ ?

□ सुजाता मिश्रा

फटी किताब
बीते लम्हें समेट
खोलती राज ।

□  क्रान्ति

फिजूल बात
करते आडंबर
मौत के बाद ।

□  मंजू सरावगी" मंजरी"

प्रभु से प्रीत
सच्चे सुख का बोध
चित्त हर्षित ।

□  स्वाति"नीरव"

आँखें हैं गीली
प्रीत की गहराई
छलक उठी ।

□ मधु गुप्ता "महक"

ऊँची मीनार
तूफान का प्रभाव
धूमिल छवि ।

□ मंजू सरावगी "मंजरी"

भूली बिसरी
यादों में सिमटी सी 
गूँगी ज़िन्दगी ।

□ जाविद हिदायत अली

निखरे वही
जो बिखरा होता है
तजुर्बा यही ।

□ ए.ए.लूका

रजनी गंधा
बिखेरती फिजायें
महकी सांसें ।

सूर्य किरण
खेले जल थल में
स्वर्णिम भोर ।

□ मंजू सरावगी "मंजरी"

निरंकुशता
आज के समय में 
दुःखी जनता ।

□ पद्म मुख पंडा "स्वार्थी"

भोर निराली
प्रकृति मतवाली 
हर्ष में डोली ।

□ पूर्णिमा सरोज
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प्रस्तुति :
प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
संचालक : हाइकु मंच छत्तीसगढ़

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