हाइकुकार
जाविद हिदायत अली
हाइकु
01.
भूली अंगड़ाई
मौसम ने अब तो
बदला मन ।
02.
भूली बिसरी
यादों में सिमटी सी
शरद आई ।
03.
झिलमिलाते
आकाश पर तारे
बच्चे ज़मी पे ।
04.
भँवर आया
सहसा नदी में ही
जलसमाधि ।
05.
झिलमिलाते
आकाश पर तारे
जीवन चर्या ।
06.
भूली बिसरी
यादों में सिमटी सी
गूँगी ज़िन्दगी ।
07.
बीच भँवर
नज़रों में समाई
जलसमाधि ।
08.
आड़ी तिरछी
हथेली पे लकीरें
पकी फसल ।
~ • ~
□ जाविद हिदायत अली
बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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