हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शनिवार, 7 सितंबर 2019

हाइकु कवयित्री डॉ. सुरंगमा यादव जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 

डॉ. सुरंगमा यादव 


हाइकु 


भूल तपन
छाँव बन सघन
ओ मेरे मन !

विदा की बेला
नयनों में उमड़ा
मेघों का मेला ।

यादों का साया
तपते जीवन को
देता है छाया ।

बड़े चंचल
ठहरते ही नहीं
सुख के पल ।

सुनाते नैन
हृदय का क्रन्दन
अधर मौन ।
~ • ~

□  डॉ. सुरंगमा यादव

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