हाइकु कवयित्री
पुष्पा सिंघी
हाइकु
1.
टूटी मचली
चिन्तन की चौपाल
उलूक बोले !
2.
भोर सजती
जीवन-रणभेरी
नित्य बजती !
3.
चाय की चुस्की
राजनैतिक चर्चा
बिल्लियाँ लड़ीं !
4.
उम्र छोटी-सी
फूलों पे न ठहरीं
बूँदें ओस की !
5.
प्रश्न पेचीदा
प्रेम का चक्रव्यूह
किसने भेदा ?
•••
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