हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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सोमवार, 9 सितंबर 2019

~ हाइकुकार स्व. डॉ. महावीर सिंह जी के हाइकु ~


हाइकुकार 

डॉ. महावीर सिंह 


हाइकु 


बहुत भाती 
सोंधी गंध सुहाती 
गांव की माटी ।

वे जी लें अभी 
मैं तो जी लूंगा बाद 
मरने के भी ।

वत्सला संध्या 
ममतीली गोधूलि 
रंभाते बच्छ ।

संध्या ठिठकी 
बालियों की नोंक पे 
क्षणिक मात्र ।

चूड़ी खनके
पिया मन बहके 
रह रहके ।

कच्ची उमर 
कमरतोड़ बोझ 
नाजुक कंधे ।

उम्र ढलती 
मन की पिपासायें 
नहीं मरती । 

साँस इकाई 
जीवन भर मापे
उम्र लंबाई ।
~ • ~

□  डॉ. महावीर सिंह
एम-23, इन्दिरा नगर 
रायबरेली (उ.प्र.)

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