हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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सोमवार, 9 सितंबर 2019

~ हाइकुकार डॉ. संतोष चौधरी जी के हाइकु ~


हाइकुकार

डॉ. संतोष चौधरी 


हाइकु 


1.
पुष्प व गंध 
काव्य और जीवन 
तत्व अनन्य ।

2.
मन का द्वार 
सत्य की बुहारी से 
सदा बुहार ।

3.
भटक रही 
मन की नदिया में 
तन की नाव ।

4.
फुदकते हैं 
खरगोश समान 
अरमाँ मेरे ।
~ • ~

□  डॉ. संतोष चौधरी

(छत्तीसगढ़)

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