हाइकु कवयित्री
अलका पाण्डेय
हाइकु
1.
मिट्टी का तन
मत कर गुमान
ढह जायेगा ।
2.
मिट्टी का घर
गिनती की है सांसें
तेरा न मेरा ।
3.
धूप ही धूप
चढ़ गया पहाड़
मिली मंजिल ।
4.
आस्था का दीप
मानवता के द्वार
रोशन करे ।
5.
मिट्टी का तन
अभिलाषा अनेक
अंत निश्चित ।
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