हाइकु कवयित्री
ममता गिनोड़िया "सजग"
हाइकु
1.
रात की रानी
कुमुदिनी के दल
चाँदनी छूती ।
2.
बेर की झाड़ी
फलों से लदी हुई
पंछी बसेरा ।
3.
सूखी पत्तियाँ
दवात में दबे हैं
पुराने पन्ने ।
4.
संगीतमय
गले बँधी घंटियाँ
कृषक हाँक ।
5.
माघ की रात
चमकने लगी है
मैदानी घास ।
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