हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

हाइकु कवयित्री मंजू सरावगी "मंजरी" जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 

मंजू सरावगी "मंजरी"

हाइकु 

अंधेरी रात
जुगनू चमकते
दिखे डगर ।
-0-

सूर्य किरण
खेले जल थल में
स्वर्णिम भोर ।
-0-

ठड़ी हवायें
शबनम से मोती
बिखरे धरा ।
-0-

चांदनी रात
ओसकण से धरा
श्रृंगारित हो ।
-0-

अधर प्यास
शबनमी बूंदों से
तृप्त यौवन ।
-0-

खिले कमल
लजरते सुमन
ओसकण में ।
--0--

□ मंजू सरावगी "मंजरी"

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