हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

गुरुवार, 5 दिसंबर 2019

~ हाइकुकार आ. जयराम जय जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

जयराम जय

हाइकु
--0--

जलो मगर
 दीपक बनकर
करो उजाला ।
सपने होते
सच कब अपने 
धैर्य न खोना ।
पास हमारे
सब कुछ लेकिन
खुशी नहीं है ।
गीत वही है
अविरल बहता
दिल कहता ।
कौन बोलता
अन्तर्मन की बातें
नैन बोलते ।
कर्म करो तो
मिले सुखद फल
गीता कहती ।
मेहनतकश
थकन ओढ़कर
सुख पाता है ।
आँखें करतीं
संवाद आँखों-आँखों 
मन की बात  ।
क्यों चिन्तित हो
कौन यहाँ अपना
फिर आना है ।
~ ० ~

□ जयराम जय

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