हाइकुकार
ओम हरित
हाइकु
1.
शब्द सहेजो
सहज सरल से
कविता लिखो ।
--0--
2.
नम नयन
कितने छिपे ग़म
यही जीवन ।
--0--
3.
आखिर कब
समझेगा मानव
हैं चार दिन ।
--0--
4.
सागर खारा
नदियां उतावली
चाहें मिलन ।
--0--
5.
बिना विचारे
गँवा मत समय
कर ले काम ।
--0--
6.
आदमीयत
मर रही अब तो
कौन समझे ?
--0--
7.
सन्ध्या की बेला
सिलसिला यादों का
उदास जिया ।
--00--
□ ओम हरित
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