हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

~ हाइकुकार आ. ओम हरित जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

ओम हरित


हाइकु

1.
शब्द सहेजो
सहज सरल से
कविता लिखो ।
--0--

2.
नम नयन 
कितने छिपे ग़म 
यही जीवन ।
--0--

3.
आखिर कब 
समझेगा मानव 
हैं चार दिन ।
--0--

4.
सागर खारा 
नदियां उतावली 
चाहें मिलन ।
--0--

5.
बिना विचारे 
गँवा मत समय 
कर ले काम ।
--0--

6.
आदमीयत 
मर रही अब तो 
कौन समझे ?
--0--

7.
सन्ध्या की बेला 
सिलसिला यादों का 
उदास जिया ।
--00--

□ ओम हरित

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