हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

~ हाइकुकार अयाज़ ख़ान जी के हाइकु ~

हाइकुकार 

अयाज़ ख़ान 


हाइकु --0--


बूढ़ी चिड़िया
उड़ा ले गयी पृथ्वी
नन्हें पैरों में ।
-0-

पूर्ण चन्द्रमा
ठूँठ पे था अटका
पतंग जैसा ।
-0-

कुटिया पास-
नागफ़नी के फूल
थकान भूल ।
-0-

काला बाज़ार
फागुन खेले गिद्ध
आत्मा सम्हालो ।
-0-

यूँ न पहनो
मुखौटों पे मुखौटा
हैराँ है शीशा ।
-0-

आखर चुन
हवा जैसी आत्माएँ
शून्य में गुम ।
-0-

बड़ी सुहाती
डाकिये की प्रतीक्षा
देहरी तले ।
-0-

कँटीली झाड़ी
उलझे रह गए
निश्छल नैन ।
--00--

□ अयाज़ ख़ान

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