हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

मंगलवार, 10 दिसंबर 2019

हाइकु कवयित्री कंचन अपराजिता जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 
कंचन अपराजिता 

हाइकु

सुर्ख गुलाब
हाथों देख उसके
झुके नयन ।

गुलाबी खत
प्रेम किया स्वीकार
पहली बार ।

ताल तल पे
बूँद करती नर्तन
प्रीत अर्पण ।

प्रेम दिवस
फूल सजे दिल में
दोनों का नाम ।

हो रही वृष्टि
तुम जो चले गये
आर्त है सृष्टि ।

□ कंचन अपराजिता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

MOST POPULAR POST IN MONTH