हाइकुकार
शम्भू सिंह रघुवंशी "अजेय"
हाइकु
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1.
मासूम कली
सदा दबी मसली
फिर भी फली ।
2.
कलिका चली
भगवान को भली
पीढियां जलीं ।
3.
सुमन कली
पाशविकता खली
सरिता गली ।
4.
मै रामकली
उदर में मचली
आई धवली ।
5.
फुलबगिया
परिवार कलिका
अश्रुछलिका ।
6.
तट हमारा
ढूंढते पतवार
तुम्हारे द्वार ।
7.
नदी किनारे
संगम इतराएं
गंगा नहाते ।
8.
देखते कूल
समय प्रतिकूल
जीवन धन ।
9.
जीव विकट
असमंजस तट
ये मरघट ।
10.
दूर किनारा
अखिलेश सहारा
फिरता मारा ।
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□ शम्भू सिंह रघुवंशी "अजेय"
गुना (मध्यप्रदेश)
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