हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

रविवार, 19 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री आरती बंसल जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

आरती बंसल 


हाइकु 
--0--

1.
चाही थी बस
अंजुरी भर धूप
नीली हरी सी ।
---0---

2.
जाड़े की धूप
कानों को गरमाती
मखमली सी ।
---0---

3.
टिका के पीठ
आ बैठती है धूप
छज्जे की ओट ।
---0---

4.
सागर तट
लहरों का बिछौना
पहली धूप ।
---0---

5.
धूप सुहानी
बादल की रूई से
बुनती तार ।
---0---

□ आरती बंसल

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