हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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गुरुवार, 30 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री ज्योतिर्मयी पंत जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

ज्योतिर्मयी पंत 


बसंत 

१.
आया बसंत 
बीत गयी है शीत 
उजास छाया ।

२.
ठूँठ  जो वृक्ष 
पा बसंती बयार 
पल्ल्व उगे ।

३.
सोया था बीज 
जगा गया बसंत  
अँखुआ उठा ।

४.
धानी  घाघरा 
पीली चुनरी  ओढ़े 
हँसी  सरसों ।

५.
रंग सुगंध 
ऋतुराज ले आया 
धरती सजी ।

६.
धुंध चादर 
उठाने लगा सूरज 
बसंत आया ।

७.
पुष्प वाटिका 
सजी है महफ़िल 
भृंग -तितली ।

८.
भौंरे गूँजते 
स्वागत बसंत का 
तितली नाचे ।

९.
मन उजास 
दूर हुआ अवसाद 
ओ  मधुमास ।

१०.
फ़ाग प्रतीक्षा 
करें  रंग  तैयारी 
खिल के पुष्प ।
--0--

□  ज्योतिर्मयी पंत

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