हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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गुरुवार, 30 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री नीलम शुक्ला जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

नीलम शुक्ला 


वासंती हाइकु 

1.
खिले धरा के
मुरझाये अधर
देख वसंत ।

2.
इठला रहा
नवयौवना बन
धरा का मन ।

3.
हरा घागरा
ओढ़ पीली चुनर
धरा दुल्हन ।

4.
पुष्प श्रृंगार
पायल की झंकार
धरा के द्वार ।

5.
लाया सम्राट
प्रेममंत्र खजाना
लुटे जमाना ।
--0--

□ नीलम शुक्ला

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