हाइकु कवयित्री
रेखा रविदत्त
हाइकु
--0--
1.
हर्ष उल्लास
है मन उत्साहित
अमृत तुल्य ।
--0--
2.
राधा का प्यार
कृष्ण का है उल्लास
जीवन सार ।
--0--
3.
पूर्ण उल्लास
करे भीतर वास
खिले कपास ।
--0--
4.
पौत्र का रूप
हो उल्लास की स्मृति
थामे अंगुली ।
--0--
5.
मेघ बरसे
नाचे मन मयूर
सौंधी सुगंध ।
--0--
6.
फूल गुलाब
उपहार प्रेम का
फैले सुगंध ।
--0--
7.
बातें सुगंध
बगल में कटार
शब्दों का चारा ।
--0--
8.
वाणी विराम
ज्ञानी की पहचान
सुख हजार ।
--0--
9 .
हासिल ज्ञान
दुखों पर विराम
मान सम्मान ।
--0--
10.
जीवन धारा
सुख-दुख का ज्ञान
मृत्यु विराम ।
--0--
11.
गाँव विरान
शहर को भागती
आज की पीढ़ी ।
--0--
12.
भागम भाग
शहर की जिंदगी
पलती आस ।
--0--
13.
दूषित हवा
शहरी यातायात
भवन ऊँचे ।
--0--
14.
शहरी शिक्षा
आधुनिक डगर
मिले उन्नति ।
--0--
15.
दिल सहमा
दर्दनाक घटना
बहती आँखें ।
--0--
16.
मिलते नैन
सपने सजाती
घटना प्यारी ।
--0--
17.
दुख बादल
बिजली सी घटना
जले जीवन ।
--0--
18.
इच्छा भँवरे
जीवन मधुबन
सपने फूल ।
---0---
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें