हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शनिवार, 18 जनवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री रेखा रविदत्त जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

रेखा रविदत्त 


हाइकु 
--0--

1.
हर्ष उल्लास
है मन उत्साहित
अमृत तुल्य ।
--0--

2.
राधा का प्यार
कृष्ण का है उल्लास
जीवन सार ।
--0--

3.
पूर्ण उल्लास
करे भीतर वास
खिले कपास ।
--0--

4.
पौत्र का रूप
हो उल्लास की स्मृति
थामे अंगुली ।
--0--

5.
मेघ बरसे
नाचे मन मयूर
सौंधी सुगंध ।
--0--

6.
फूल गुलाब
उपहार प्रेम का
फैले सुगंध ।
--0--

7.
बातें सुगंध
बगल में कटार
शब्दों का चारा ।
--0--

8.
वाणी विराम
ज्ञानी की पहचान
सुख हजार ।
--0--

9 .
हासिल ज्ञान
दुखों पर विराम
मान सम्मान ।
--0--

10.
जीवन धारा
सुख-दुख का ज्ञान
मृत्यु विराम ।
--0--

11.
गाँव विरान
शहर को भागती
आज की पीढ़ी ।
--0--

12.
भागम भाग
शहर की जिंदगी
पलती आस ।
--0--

13.
दूषित हवा
शहरी यातायात
भवन ऊँचे ।
--0--

14.
शहरी शिक्षा
आधुनिक डगर
मिले उन्नति ।
--0--

15.
दिल सहमा
दर्दनाक घटना
बहती आँखें ।
--0--

16.
मिलते नैन
सपने सजाती 
घटना प्यारी ।
--0--

17.
दुख बादल
बिजली सी घटना
जले जीवन ।
--0--

18.
इच्छा भँवरे
जीवन मधुबन
सपने फूल ।
---0---

□  रेखा रविदत्त

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