हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

~ हाइकु कवयित्री भुपिंदर कौर जी के हाइकु ~

हाइकु कवयित्री 

भुपिंदर कौर 


हाइकु 
--0--

वैजंती माला
हरे मोती मंडित 
मनमोहित ।

श्वेत सुमन
हरियाली लतिका
महकी फिजा ।

नीला अंबर
सुरमई बादल
बहके मन ।

काले बादल 
चमकती दामिनी 
डरते बाल ।

घनेरी घाम
अनवरत तलाश 
पानी गायब ।

पंछी अकेला
सुनहरा पिंजरा 
आसी प्रभात ।

गुम्फित पुष्प
सृजनित एकता 
शुभ संदेश । 

गुलगुम्फित
चतुरंगी सैनिक
मनोहारी ।

प्रेमप्रतीक
बहुरंगी सुमन
दिली सुकून । 

नीला अंबर 
टिमटिमाते  तारे 
हर्षित चंदा । 

तिमिर ताल
चंदा लगे सुहाना 
छाई चाँदनी । 

चंदा चाँदनी 
अनूठा संगसाथ 
खिले मुस्कान । 

प्यासी गौरैया 
जेठी दुपहरिया 
सूखी बावड़ी ।

तप्त जीवन
जेठी पुरवइया
गर्म थपेड़े ।

माया जंजीर 
कामनाएँ मथनी 
चकरघिन्नी । 

एक मुखौटा 
झुरमट गुनाह 
हैरां दुनिया । 

आवारा मेघ 
नकाब में चंद्रमा 
डरी चाँदनी ।

सारंग आए 
उमड़े व घुमड़े
बरस गये ।
--0--

□  भुपिंदर कौर
भोपाल (मध्यप्रदेश)

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