हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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बुधवार, 19 फ़रवरी 2020

~ हाइकुकार विजय कांत वर्मा जी के हाइकु ~

हाइकुकार

विजय कांत वर्मा

हाइकु 
--0--

गौरैया आई
सपरिवार बच्चे
पंखा खामोश ।

रात अंधेरी
अकेली एक बाला
गिद्ध निगाहें ।

आमों में बौर
खुश हुआ किसान
बच्चे पढ़ेंगे ।

उड़ा जहाज़
कल रीयल होगा
आज कागज़ी ।

अपना मुल्क
सारे जहां से अच्छा
सबसे प्यारा ।

सत्य की जीत
बुराई का विनाश
दशमी पर्व ।

कन्याएं खुश
कन्या भोज पाकर
कल क्या होगा ।

थोड़ा सा प्यार
ज़िन्दगी का सहारा
सुखी जीवन ।
~ 0 ~

□ विजय कांत वर्मा

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