हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020

हाइकु कवयित्री डॉ. सुरंगमा यादव जी के हाइकु

हाइकु कवयित्री 

डॉ. सुरंगमा यादव 


हाइकु 
--0--

फेंका तेजाब
मानवता किससे
माँगे हिसाब ।

कौआ हर्षाये
मानव ने सीख लीं
मेरी चेष्टाएं ।

विवश मन
खींचती बरबस
दुर्बल नस ।

आया वसंत
सहमे वन पात
विदाई पास ।

कस्तूरी पास
विधि की विडम्बना
है तरसना ।

भेजूँ संदेश
वसंती हवा संग
पिया विदेश ।

स्मृति झरोखा
दूर तक दिखते
दृश्य अनेक ।

विदा की घड़ी
नयनों की देहरी
आँसू ने छोड़ी ।
---0---

□  सुरंगमा यादव

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