हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

शनिवार, 20 जून 2020

~ हाइकुकार अजय चरणम् जी के हाइकु ~

हाइकुकार 


अजय चरणम् 


हाइकु 

--0--


घाटी में घूम 
निर्गुण गा रही है 
बावली हवा ।
--0--

धरा तुलसी 
आसमां बरगद 
मैं नागफनी ।
--0--

भटक रही 
मन की नदिया में 
तन की नाव ।
--0--

काट गया जो
लकीर से लकीर 
बना फकीर ।
--0--

आँखों  के रास्ते
कोई गुजर गया
आँसू  बन के । 
--0--

चूल्हे की आग
कितनी ठंडी  होती
रोटी के  बिना ।
--0--

दलित अब
सिर्फ दलित नहीं
साहित्य बना । 
--0--

हवा जो आई
गिर रहीं  पत्तियाँ
साथ जाने को ।
---0---

□ अजय चरणम् 
पूरब अजीम गंज, हवेली खङगपुर, 
मुंगेर (बिहार) पिन - 811213

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