हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

गुरुवार, 20 मई 2021

~•~ हाइकुकार राम निवास बाँयला जी के हाइकु ~•~

हाइकुकार

राम निवास बाँयला


हाइकु 

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सिक्कों के साथ

जेब का ये सुराख 

ले गया रिश्ते ।


निशा सुंदरी 

ओढ़ी तारा चुनरी 

जागे जुगनू ।


खोली ना आँखें 

जलाये लाखों दीप 

रहा अँधेरा ।


कर्ज की घुट्टी 

अर्थी तक छलकी

किसान कथा ।


उत्सर्ग दम्भ 

बनाता बर्बरीक 

सायना छल ।


पूर्वज ही क्यों

मन मदारी संग 

हम भी कपि ।


तर्क का श्राद्ध 

कुभाष पकवान 

करो दावत ।


श्री संग आएँ

वामा, पद्मा, गांगेय

दीप जलाओ ।

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□  राम निवास बाँयला

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