हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका)

卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ हाइकु मञ्जूषा (समसामयिक हाइकु संचयनिका) संचालक : प्रदीप कुमार दाश "दीपक" ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐 ~•~ 卐

गुरुवार, 20 मई 2021

~•~ हाइकु कवयित्री सरस दरबारी जी के हाइकु ~•~

हाइकु कवयित्री 

सरस दरबारी


हाइकु 

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डोले पवन 

गूँजे मंत्रोच्चारण 

करे हवन ।


बर्फीले हिम

हवाएँ ठिठुराएँ

बिखेरें शीत ।


सुन्न सी टीसें

सर्द हवाएँ बन  

दौड़ें रगों में ।


हवा से बाँटे  

सुख दुख अपने 

पीड़ाएँ छाँटे ।


माटी की गोद

करती आलिंगन

देती पनाह ।


मनुष्य तन

माटी से ही उपजा

माटी में लीन ।

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□  सरस दरबारी

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