हाइकु कवयित्री
त्रिलोचना कौर
हाइकु
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1)
नैंन अंदर
अनेक समंदर
समेंटे नारी !!
2)
जब भी देखा
पतंग को कटते
लूटते लोग !
3)
दुख की खोज
दूसरों से चाहना
प्रेम को पाना !
4)
हालात वही
गरीब हो या धनी
बदली सदी !!
5)
बरसे मेघ
तपे हुए जेठ को
बूँदों की भेट !
6)
खोसती पिन
लताओं के जुड़े में
गढ़े घोंसला ।
7)
लता की साड़ी
पल्लू में चित्रकारी
उड़ते पंछी !!
8)
अक्सर होते
स्वयं के हस्ताक्षर
सुख दुख पे !!
9)
भँवरें गाते
महामोक्ष के मंत्र
झरते फूल !!
10)
बूँदों का थैला
बादल ने ज्यों खोला
बिखरे मोती ।
11)
छोड़ किताबें
बाहर देख बूँदें
नाचे थिरके !!
12)
पानी पीकर
लम्बी श्वाँस भरते
प्यासे गमले !
13)
सत्य कथ्य को
तोड़ा-मोड़ा बदला
मनमाफिक ।
14)
तम के छोर
पले निशा के गर्भ
सुंदर भोर ।
15)
पुरानी यादें
बिछाकर बिछौना
उधेड़े अम्मा !
16)
नये पत्तों के
स्वागत में झरते
पुराने पत्ते ।
17)
सूखी तालियाँ
वाक पटु जुमले
ऑनलाइन !
18)
पैतृक घर
यादों से भरा हुआ
अशर्फी घड़ा !
19)
दूर हो गई
अपनों से अपनी
परछाइयाँ
20)
व्योम के साथ
बूँद बूँद रिसता
टूटा छप्पर !
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□ त्रिलोचना कौर
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